दतिया के प्राचीन गेट तोड़ना प्रशासन को भारी पड़ा,सुप्रीम कोर्ट ने गेटों के पुनर्निर्माण एवं बचे हुए गेटों के संरक्षण के दिए निर्देश

दतिया नगर की प्राचीन रर में स्थापित दरबाजों को जेसीबी मशीन से तोड़ने की कार्यवाही जिला प्रशासन और नगर पालिका प्रशासन को भारी पड़ रही हैं।मामले को लेकर समाजसेवी रामकुमार इटोरिया ने सुप्रीम कोर्ट में पहले से याचिका दायर की हुई थी,जिसमें पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने प्राचीन दरबाजों के संरक्षण के निर्देश दिए थे। बावजूद प्रशासन ने गेटों के संरक्षण के लिए कोई कार्यवाही नहीं की। हाल ही में हुई बारिश के दौरान प्रशासन ने भांडेरी फाटक और रिछरा फाटक दरबाजे जेसीबी मशीन चलाकर तुड़बा दिए।सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को दरकिनार कर की गई, कार्यवाही शीर्ष कोर्ट की पुनः अवमानना होने पर याचिकाकर्ता द्वारा कंटेम फाइल किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कंटेम पर 20 सितंबर को सुनवाई कर जिला प्रशासन को नोटिस जारी कर जबाब तलब किया था।25 सितंबर को प्रकरण की सुनवाई न्यायमूर्ति बीआर गवई,न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा,न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की संयुक्त पीठ द्वारा की गई।प्रकरण में सर्वोच्च न्यायालय ने दतिया कलेक्टर और मुख्य नगर पालिका अधिकारी दतिया को कहा है कि 4 सप्ताह में शपथपत्र दें कि प्राचीन दरबाजों का पुनर्निर्माण कैंसे करेंगे तथा शेष बचे हुए प्राचीन दरबाजों के संरक्षण के लिए क्या करेंगे।

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