गुजरात: कच्छ में साइक्लोन का असर दिखाना शुरू, तूफानी हवाओं के साथ हो रही तेज बारिश

अहमदाबाद
 गुजरात में चार दिन की भीषण बरसात से हाहाकार मचा है. सैलाब के बीच फंसी जिंदगी को बचाने की जद्दोजहद जारी है.आज अरब सागर में बन रहा चक्रवाती तूफान तबाही मचा सकता है. मौसम विभाग ने ओडिशा-केरल में भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है.पिछले 80 साल में ये ऐसा चौथा तूफान है जो जमीन के ऊपर पैदा हुआ है. अरब सागर के ऊपर कहर बरपाएगा. मौसम विभाग के मुताबिक ये एक बेहद दुर्लभ घटना है. बता दें कि गुजरात में सबसे ज्यादा तबाही सौराष्ट्र के शहर वडोदरा-जामनगर -द्वारका और कच्छ में है. मौसम विभागके मुताबिक, अगले 5 दिनों तक बारिश से अभी राहत मिलने वाली नहीं है. वडोदरा के कुछ इलाकों में 10 से 12 फीट तक पानी भरा हुआ है. हर तरफ पानी है और जान बचाने के लिए लोग अपने घरों की छतों पर रेस्क्यू टीम का इंतजार कर रहे हैं.

अरब सागर में 48 साल बाद अगस्त में चक्रवाती तूफान की आशंका जताई गई है। मौसम विभाग ने शुक्रवार सुबह कहा- गुजरात के करीब अरब सागर में यह तूफान 12 घंटे में देखने को मिल सकता है।

तूफान का सबसे ज्यादा असर गुजरात के कच्छ में दिखेगा। यहां 65 से 75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी। तूफान के चलते राजकोट, जामनगर, पोरबंदर, जूनागढ़, द्वारका में भी भारी बारिश का अलर्ट है।

कच्छ और राजकोट में स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है। कच्छ में कच्चे मकानों में रह रहे लोगों को घर खाली करने का आदेश दिया है। कलेक्टर ने कहा है कि जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकले।

गुजरात में 1 हफ्ते से जारी बारिश के कारण बाढ़ के हालात बने हुए हैं। यहां 4 दिन 32 लोगों की जान गई है। NDRF-SDRF के बाद सेना को भी तैनात किया गया है।

80 साल में अगस्त में सिर्फ 3 बार तूफान
मौसम विभाग ने कहा है कि बहुत ही रेयर केस में अगस्त में चक्रवाती तूफान देखने को मिलते हैं। अब तक सिर्फ तीन तूफान अगस्त महीने में अरब सागर से उठे हैं। पहली बार 80 साल पहले (1944 में) अरब सागर से तूफान उठा था, जो बाद में कमजोर पड़ गया। 1964 में गुजरात तट पर एक सर्कुलेशन बना था, जो बाद में तट तक आते कमजोर हो गया। अगस्त में सबसे आखिरी तूफान 1976 में आया था, जो ओडिशा के पास से चला था और बाद में धीमा हो गया था। हालांकि, बंगाल की खाड़ी में 132 सालों में अगस्त में 28 तूफान आ चुके हैं।

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