दतिया। रविवार की रात दतिया कलेक्टर स्वप्निल वानखड़े ने जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। यह निरीक्षण बीती रात एक प्रसूता को खून न मिलने और स्टाफ द्वारा अमानवीय व्यवहार किए जाने की शिकायतों के बाद किया गया। निरीक्षण के दौरान अस्पताल की व्यवस्थाएं अस्त-व्यस्त नजर आईं और मरीजों की कई समस्याएं सामने आईं। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर को एक मरीज ने बताया कि अस्पताल की अव्यवस्था को लेकर उसने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की थी, जिसके बाद उसे शिकायत हटाने का दबाव डाला गया। जब कलेक्टर ने आरएमओ से पूछताछ की तो उन्होंने मरीज को पहचानने से इनकार कर दिया। आरएमओ ने कहा कि यह मेरे सामने नही आये। कलेक्टर ने इस पर नाराजगी व्यक्त की।मैटरनिटी वार्ड के शौचालय और बाथरूम की स्थिति भी अत्यंत खराब पाई गई। गंदगी और टूटी जलभराव की ओर ध्यान दिलाया और तुरंत सुधार के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान एक महिला अपने बीमार बच्चे को लेकर भटकती रही थी। लेकिन उसे भर्ती नहीं किया जा रहा था। जब कलेक्टर को यह जानकारी दी गई, तो उन्होंने तत्काल बच्चे को भर्ती करने के निर्देश दिए। डॉक्टरों ने पहले कहा कि बच्चे की हालत सामान्य है, लेकिन महिला ने स्पष्ट कहा कि “आप देख नहीं रहे हैं, बच्चे को परेशानी हो रही है।” इसके बाद बच्चे को भर्ती किया गया।कलेक्टर वानखड़े ने स्पष्ट निर्देश दिए कि डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ को अपने व्यवहार में सुधार लाना होगा। मरीजों और उनके परिजनों से संवेदनशीलता से पेश आने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यदि आगे भी इस तरह की शिकायतें आईं तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर ने कहा डॉक्टर और नर्स स्टाफ को अपने व्यवहार में सुधार लाने की आवश्यकता है। मरीजों से सहानुभूति पूर्वक व्यवहार करे और डाक्टर 15 दिन में बैठक लेकर यह कर्तव्य प्रणय याद दिलाए।
