कावराईपेट्टई दुर्घटना के बाद रेल यातायात बहाल, मरम्मत का कार्य रिकॉर्ड समय में पूरा

चेन्नई
 दक्षिण रेलवे ने कहा है कि तमिनाडु में कावराईपेट्टई में हुयी ट्रेन दुर्घटना वाले स्थल पर मरम्मत कार्य रिकॉर्ड समय में पूरा कर लिया गया है और आज से चरणबद्ध तरीके से सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी। रेलवे की ओर से देर रात जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि शुक्रवार रात कावराईपेट्टई में मैसूर-दरभंगा बागमती एक्सप्रेस और एक खड़ी मालगाड़ी के बीच हुई टक्कर के कारण चेन्नई-गुम्मिडीपुंडी खंड में मेल/एक्सप्रेस और उपनगरीय ट्रेन सेवाएं बाधित हुईं। बागमती एक्सप्रेस के दस डिब्बे और मालगाड़ी के दो डिब्बे पटरी से उतर गए। हालांकि, किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन कुछ यात्रियों को चोटें आई थीं और उन्हें तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान की गई। सात घायल यात्रियों को नियमानुसार अनुग्रह राशि दी गई।

इस हादसे के कारम चेन्नई-गुम्मिडिपंडी सेक्शन में रेल यातायात बाधित रहा। सेक्शन से गुजरने वाली करीब 20 मेल/एक्सप्रेस सेवाएं रद्द कर दी गईं, कुल 60 ट्रेनों का मार्ग परिवर्तित/विनियमित/पुनर्निर्धारित किया गया। चेन्नई उपनगरीय सेवाएं चेन्नई-गुम्मिडिपंडी सेक्शन में निलंबित कर दी गईं और मिंजुर तक ईएमयू स्पेशल और दूसरे छोर पर सुलुरुपेटा से गुम्मिडिपंडी तक चलाई गईं। दक्षिणी रेलवे ने राज्य और जिला प्रशासन तथा राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और तमिलनाडु अग्निशमन एवं बचाव सेवाओं जैसी एजेंसियों के साथ मिलकर तेजी से बचाव कार्य शुरू किया।

विज्ञप्ति के अनुसार यात्रियों की सहायता और बचाव अभियान चलाने के लिए 500 से अधिक कर्मियों को तैनात किया गया था। आधुनिक उपकरणों और चिकित्सा सुविधाओं से लैस दक्षिणी रेलवे की दुर्घटना राहत ट्रेनें पास के टोंडियारपेट यार्ड से लाई गईं। बागमती एक्सप्रेस के फंसे हुए यात्रियों को बसों के जरिए पोन्नेरी जैसे नजदीकी स्टेशनों पर ले जाया गया, जहां तत्काल ध्यान देने के लिए पांच मेडिकल टीमें मौजूद थीं। फंसे हुए यात्रियों को डॉ एमजीआर चेन्नई सेंट्रल पहुंचाने के लिए विशेष ईएमयू सेवाओं की व्यवस्था की गई। डॉ. एमजीआर सेंट्रल पहुंचने वाले यात्रियों को विशेष सहायता डेस्क ने सहायता प्रदान की। दुर्घटना के आठ घंटे के भीतर फंसे यात्रियों के लिए दरभंगा के लिए विशेष ट्रेन की व्यवस्था की गई। वैकल्पिक ट्रेन सेवा, बागमती एक्सप्रेस के समान संरचना वाली एक विशेष ट्रेन, फंसे हुए यात्रियों को डॉ. एमजीआर चेन्नई सेंट्रल से दरभंगा ले जाने के लिए व्यवस्थित की गई थी।

विज्ञप्ति में कहा गया कि रेलवे के डॉक्टरों द्वारा मेडिकल जांच और भोजन और पानी के प्रावधान के बाद कल तड़के 04.45 बजे डॉ एमजीआर चेन्नई सेंट्रल से रवाना हुई।इस विशेष ट्रेन में 1,800 से अधिक यात्रियों को ठहराया गया। इस बीच, पटरी से उतरे डिब्बों को फिर से पटरी पर लाने के लिए पांच भारी अर्थ मूवर्स, तीन जेसीबी और दो 140 टन के क्रेन की तैनाती के साथ बहाली का काम तुरंत शुरू हो गया। टीमों ने चौबीसों घंटे काम किया और साइट पर निर्बाध काम की सुविधा के लिए प्रकाश व्यवस्था की गई। दक्षिणी रेलवे के महाप्रबंधक आर एन सिंह, अतिरिक्त महाप्रबंधक, डीआरएम/चेन्नई, एडीआरएम/चेन्नई और जोन के वरिष्ठ अधिकारी दुर्घटना स्थल पर पहुंचे और बचाव कार्यों और बहाली कार्यों की बारीकी से निगरानी की। रेलवे सुरक्षा आयुक्त (दक्षिणी सर्कल), बेंगलुरु ने 12 अक्टूबर को दुर्घटना स्थल का वैधानिक निरीक्षण किया।

विज्ञप्ति के अनुसार सीआरएस ने पटरियों, सिग्नलों, इंटरलॉकिंग पैनलों, ब्लॉकों और प्वाइंटों, कोचों और लोको की गहन जांच की और अधिकारियों तथा घायल यात्रियों से भी बातचीत की। सीआरएस 16 और 17 अक्टूबर को वैधानिक जांच करेंगे। उन्होंने कहा कि कावराईपेट्टई में बहाली का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है, यूपी मेनलाइन से पटरी से उतरे कोचों और वैगनों को साफ कर दिया गया है। दुर्भाग्यपूर्ण एक्सप्रेस ट्रेन के ०9 एसी कोच और एक पावर कार सहित कुल 10 कोचों और मालगाड़ी के दो वैगनों को क्रेन का उपयोग करके हटा दिया गया है।

 

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